ज़िन्दगी जी जिसने चाहे जैसी हो मलाल एक उसे अन्त तक रह जाता है, कोशिशे नाकाम,तमाम टिस बन उठते है सब होते हुए बकाया, कसक एक रह जाता है, के चाहत जितना मिला कब किसे है अन्त ख़्वाहिशो का किसी,कब रहा है, के संतुष्ट जो हासिल है, उसमे जो हुआ है, एक उसी ने ज़िन्दगी को ज़िन्दगी-सा जीया है..!! ©Puja Shaw #nojoto #nojotohindi #poem #life #Santusht #hasil #boat