आज फिर अख़बार में विवाद लिखा था, विश्व व्यापी महामारी को "कोरोना जिहाद" लिखा था; वैमनस्य पैदा करने का प्रयास था शायद उन्होंने विष पूर्ण ऐसा संवाद लिखा था।। बेदर्दी से मजदूर का हाल नज़रअंदाज़ कर उन्होंने चंदा देने वाले सितारों का नाम लिखा था; और जिनके योगदान अबतक न आए उन पर राजनीतिक दलों का विचार लिखा था।। आज फिर समस्याओं को नजरंदाज़ करने का स्वागत करने वालों को अक्लमंद लिखकर, प्रश्न करती आवम का "देशद्रोही" नाम लिखा था।। No offence... People are all smart out there. You will understand what I mean. हम लिखते रहेंगे - Day 10 सभी सदस्यों से निवेदन है की इसी वालपेपर पर अपना collab करें। अपनी रचनाओं में दिए गए पाँचो शब्दों का प्रयोग करना अनिवार्य है। हमारी टीम का हैशटैग होगा #जोश_ए_कलम।