एक नहीं दो नहीं लाखों की पुकार है। पुराना पेंशन हमारा अधिकार है। अब चाहे चले डंडे चाहे लाख चलें गोलियां। पीछे हम हटेंगे नहीं मानेंगे ना हार है। चलो तुम लगा लो दम हम भी नहीं तुमसे कम। हर परिस्थिति में लड़ मिटने को तैयार हैं। सुन लो ऐ नेताजी लोग हम से चुने गए तुम। मान लो बात वरना देंगे कुर्सी से उतार है। चलो मानते हैं बात हम नहीं लेंगे पेंशन हम। तुम भी लेना छोड़ दो बस इतनी दरकार है। वरना कटा लेंगे शीश हम लड़ते रहेंगे आखिरी दम। पुराना पेंशन हमारा अधिकार है। @दिलीप✍ पेंशन