आके तेरे दर पे हासिल सुकून होती, तेरी इजाज़त से हर ख़्वाहिश क़ुबूल होती। गर तू जो रूठे तो ये जहान भी कुछ नहीं, तेरी इनायतों के वगैर हयात फ़िज़ूल होती। *हयात-ज़िन्दगी ©Khushi Kandu #khushikandu #khushithought #nojotashayari #urdu_shayari