दोनों हाथों समेट ले, यही सत्ता का सार । नेता को सब नगद है, जनता को उधार ।। राजनीति के इर्द-गिर्द, सारे सवाल जवाब । जनता को माने दासी, खुद को माने नवाब ।। जनता मालिक नाम की, असल में गुलाम । नेता बिन पत्ता न हिले, चाहे हो कोई काम ।। #ytdidi #ythoughts #ytbaba #AaveshVaani #JanMannKiBaat #KhabronKiKhabar #janta