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भगवान भी सर झुका देता है जिसकी ममता

भगवान भी सर झुका देता है जिसकी ममता                       के आगे वह माँ ही है केवल इस संसार  में
माँ का आंचल है, पावन सा हर तार में
माँ की ममता अनुपम है इस संसार में

हर पल स्नेह बरसता है, माँ से सदा,
भावना उर में लिखती है, ‘श्रृंगार’ में,

माँ का दूध है, पावन अमर गंगाजल,
सारा जीवन समाया है उपकार में,

सच्चे अर्थों में पृथ्वी से भारी है, माँ,
साधना खिल रही उसके ही प्यार में,

भूमि भारत की है, धन्य माँ से सदा,
संस्कृति बस रही उसके साकार में,

माँ के ऋण से उऋण न कभी होंगे हम,                              माँ सदा रहेगी उर के झंकार में,

भगवान भी सर झुका देता है जिसकी ममता                      के आगे वह माँ ही है केवल इस संसार  में           @Jitendra Chaturvadi #Morning  Priya keshri Sanawrites_______  krishna chourey anjali.
भगवान भी सर झुका देता है जिसकी ममता                       के आगे वह माँ ही है केवल इस संसार  में
माँ का आंचल है, पावन सा हर तार में
माँ की ममता अनुपम है इस संसार में

हर पल स्नेह बरसता है, माँ से सदा,
भावना उर में लिखती है, ‘श्रृंगार’ में,

माँ का दूध है, पावन अमर गंगाजल,
सारा जीवन समाया है उपकार में,

सच्चे अर्थों में पृथ्वी से भारी है, माँ,
साधना खिल रही उसके ही प्यार में,

भूमि भारत की है, धन्य माँ से सदा,
संस्कृति बस रही उसके साकार में,

माँ के ऋण से उऋण न कभी होंगे हम,                              माँ सदा रहेगी उर के झंकार में,

भगवान भी सर झुका देता है जिसकी ममता                      के आगे वह माँ ही है केवल इस संसार  में           @Jitendra Chaturvadi #Morning  Priya keshri Sanawrites_______  krishna chourey anjali.