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देख तुझे आँखों से मेरा शरमाना, होठों का यूँ ही गुन

देख तुझे आँखों से मेरा शरमाना, होठों का यूँ ही गुनगुनाना,
दिवस में भी पलकों पर साहिब, बस तेरे ही ख़्वाब सजाना।
कैसी ये लगी बीमारी, डॉक्टर भी नब्ज़ पकड़ ना समझ सका।
बिन कहे हाल ए दिल समझ लो, हमें तुमसे है इश्क़ हुआ।।

मिलन हुआ पल भर का, दिल पर नाम लिखे जन्मोंजनम तक,
किस जन्मों का ये पुण्य मिला, आशिक़ से जीवन साथी तक।
नही समझ पा रही थी अब तक मैं, कैसे और ये क्या हो गया।
बिन कहे हाल ए दिल समझ लो, हमको तुमसे है इश्क़ हुआ।।

प्यार भरी ये शरारत तेरी, चुपके चुपके से नयन यूँ मटकाते हो,
कर दो ना सरेआम मोहब्बत का इज़हार, क्यों इश्क़ छुपाते हो।
प्यार का मैं एहसास करने लगी, जबसे तुमने है मुझको छुआ।
बिन कहे हाल ए दिल समझ लो, हमको तुमसे है इश्क़ हुआ।।

इश्क़ नाम देते, कभी कहते मोहब्बत, करते सब अटखेलियाँ,
नाम से तेरे मुझे पुकारने लगे, छेड़ने लगी मुझको मेरी सखियाँ।
बस तुम ना समझ सके जज़्बात, बाक़ी चहुँ ओर उठा ये धुआँ।
बिन कहे हाल ए दिल समझ लो, हमको तुमसे है इश्क़ हुआ।।

कैसे निभ पायेगा ये साथ हमारा, जब इकरार नही तुम करते हो,
जब करती मैं इज़हार तुमसे, क्यों उसे स्वीकार नही तुम करते हो।
तुझको ही ना जीत सकी, बाक़ी जीत गई मैं शर्त लगी सारे जुआँ।
बिन कहे हाल  ए दिल समझ लो, हमको तुमसे है इश्क़ हुआ।। ♥️ Challenge-953 #collabwithकोराकाग़ज़

♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊

♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा।

♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।
देख तुझे आँखों से मेरा शरमाना, होठों का यूँ ही गुनगुनाना,
दिवस में भी पलकों पर साहिब, बस तेरे ही ख़्वाब सजाना।
कैसी ये लगी बीमारी, डॉक्टर भी नब्ज़ पकड़ ना समझ सका।
बिन कहे हाल ए दिल समझ लो, हमें तुमसे है इश्क़ हुआ।।

मिलन हुआ पल भर का, दिल पर नाम लिखे जन्मोंजनम तक,
किस जन्मों का ये पुण्य मिला, आशिक़ से जीवन साथी तक।
नही समझ पा रही थी अब तक मैं, कैसे और ये क्या हो गया।
बिन कहे हाल ए दिल समझ लो, हमको तुमसे है इश्क़ हुआ।।

प्यार भरी ये शरारत तेरी, चुपके चुपके से नयन यूँ मटकाते हो,
कर दो ना सरेआम मोहब्बत का इज़हार, क्यों इश्क़ छुपाते हो।
प्यार का मैं एहसास करने लगी, जबसे तुमने है मुझको छुआ।
बिन कहे हाल ए दिल समझ लो, हमको तुमसे है इश्क़ हुआ।।

इश्क़ नाम देते, कभी कहते मोहब्बत, करते सब अटखेलियाँ,
नाम से तेरे मुझे पुकारने लगे, छेड़ने लगी मुझको मेरी सखियाँ।
बस तुम ना समझ सके जज़्बात, बाक़ी चहुँ ओर उठा ये धुआँ।
बिन कहे हाल ए दिल समझ लो, हमको तुमसे है इश्क़ हुआ।।

कैसे निभ पायेगा ये साथ हमारा, जब इकरार नही तुम करते हो,
जब करती मैं इज़हार तुमसे, क्यों उसे स्वीकार नही तुम करते हो।
तुझको ही ना जीत सकी, बाक़ी जीत गई मैं शर्त लगी सारे जुआँ।
बिन कहे हाल  ए दिल समझ लो, हमको तुमसे है इश्क़ हुआ।। ♥️ Challenge-953 #collabwithकोराकाग़ज़

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