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जितनी दफा तुझे याद करू पुरी शिद्दत से उतनी द

जितनी  दफा  तुझे  याद करू पुरी शिद्दत  से 
उतनी  दफा दिल  जोर से धडकता  हैं तेरी चाहत में 
काश  कि तुम  और  करीब  होते 
मैं ढल  जाती  तेरी  ही आंखों में 
में जब से रुबरु क्या हुई तुमसे  होश  में  ही  नहीं  है  आजकल। 
 तेरी आँखों में  खुद को देखना ये ख्खाँइश हैं मेरी
तुझे अपने धड़कन में बसाना  
तेरे ही  सपने  सजाना  यही  अब  मंजिल है मेरी ।
तुम  इश्क़  हो
वफा हो 
धडकन  हो 
प्यास हो ....
तुझ से ही  लगाव अब  तुझ में  ही  मैं 
तुझ में ही सुख  तुम ही  दुःख
तुम  ही जग।

©SUREKHA THORAT #अकेला पण

#MahaKumbh2021
जितनी  दफा  तुझे  याद करू पुरी शिद्दत  से 
उतनी  दफा दिल  जोर से धडकता  हैं तेरी चाहत में 
काश  कि तुम  और  करीब  होते 
मैं ढल  जाती  तेरी  ही आंखों में 
में जब से रुबरु क्या हुई तुमसे  होश  में  ही  नहीं  है  आजकल। 
 तेरी आँखों में  खुद को देखना ये ख्खाँइश हैं मेरी
तुझे अपने धड़कन में बसाना  
तेरे ही  सपने  सजाना  यही  अब  मंजिल है मेरी ।
तुम  इश्क़  हो
वफा हो 
धडकन  हो 
प्यास हो ....
तुझ से ही  लगाव अब  तुझ में  ही  मैं 
तुझ में ही सुख  तुम ही  दुःख
तुम  ही जग।

©SUREKHA THORAT #अकेला पण

#MahaKumbh2021