दिन-रात मेरे ही ख़्यालो मे खोये रहना तन्हाईयो मे अक्सर आहे भरना सखियो संग मेरी ही बाते करना मेरे नाम से ही तेरा दीदार करना और तुम कहती हो मुझसे प्यार नही है-- मुझे न देखने पर बेताब हो जाना गुजरे लम्हे सभी याद आ जाना मुझसे मिलने को तेरा यू तरस जाना बिन कहे ही हरबात समझ जाना और तुम कहती हो मुझसे प्यार नही है-- बार - बार मुझपे अपनी नज़र रखना मेरी पसन्द को अपनी पसन्द बतलाना बिन पूँछे ही अपनी अभिलाषा कहना अँखियों से अँखियों की भाषा बोलना और तुम कहती हो मुझसे प्यार नही है-- खुद से पहले मेरा ही नाम लिखना सोते बैठते हरबार मेरा ही राह तकना किसी से बात करने पर चिढ़ जाना तेरा ही हूँ कहने पर अक्सर खिल जाना और तुम कहती हो मुझसे प्यार नही है-- सतेन्द्र गुप्ता प्यार नही हैं