अगर हम मिल गए होते फूल दिल के खिल गए होते शायरी भी नहीं होती लब भी सिल गए होते बातों में शरारत नहीं होती तारीफ़ की आदत भी नहीं होती दरिया के दो किनारे भी आपस में मिल गए होते... ♥️ Challenge-964 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।