आखिर क्यों? **************** कभी कभी जहन में,एक तूफ़ान सा उठता है जीवन का आरंभ ही ,न जाने क्यों औसान सा लगता है मासूम के मासूमियत को भी ,एक खता ही बस बतलाते है रहन सहन और कपड़ो पे न जाने कितनी अंगुलीयाँ उठाते है जिसे चाह थी खुलकर जीने की उसे अन्दर ही अन्दर तोड़ दिया गली के पागल कुत्तो को खुलेआम सड़क पर छोड़ दिया जिससे पाया था जीवन उसने,उसे कदमों तले ही रौद दिया फिर किसी लाडो का जीवन बस सिसकी में है कैद किया उन्हें आदत थी हर बात में हर एक बात समझाने की अपराधी तो अपराधी हैै,है दरकार सजा सुनाने की कही मोमबत्तीयाँ तो कहीं पे मसाल जला दिया जाता है बेबस पे सितम का हर एक फरमान सुना दिया जाता है जो न्यायशील बन बैठी थी वो अधरे जाने क्यों मौन है हमे दोषी ठहराने वाले जरा बता दो दोषी कौन है? .....रीना"मंजुलाहृदय" #Stoprape #NojotoWriter #nojotowiters #nojotonews