।। तिमिर ।। है तिमिर को गरूर ये कि वो उजाला खा गया क्या पता नादान को ये उजाले को है वो भा गया थक गया जब सूरज जरा तब आ गिरा आगोश में ओ अंधेरे ले देख ले अब वो तेरे चांद को गरमा गया ।। ©Dinesh Paliwal #तिमिर #उजाला