【 14 अगस्त अर्थात पाकिस्तान के निर्माण दिवस पर उदगार 】 *पाकिस्तान:एक असफल देश* पाकिस्तानी आँखों में क्युँ मानवता नही दिखती पाकिस्तानी हाथों में क्यूँ दानवता ही रहती भारत को मिटाने खातिर पाकिस्तान अब टूट रहा है पाकिस्तानी लोंगो में कोई समानता नहीं रहती , पाकिस्तान को टूटना होगा पाकिस्तान को मिटना होगा पाकिस्तान को दुनिया के हर नक्शो से हटना होगा तभी समन्वय शांति भी होगी दुनिया के कोने में पाकिस्तान के सपनों को टूट टूट के रिसना होगा , पाकिस्तान का संस्थापक ही मूरख कोई जिद्दी था भारत के समकक्ष में उसके नेता सारा पिद्दी था तभी नचाया नाच वतन को अपनें जुल्म इशारों पर नाचा उसकी घुड़की पर ओ नेहरू कोई गांधी था , हर बातों पर अनशन करने वाला गांधी क्यों मौन हुआ ? सबको डांट सुनाने वाला उसके आगे क्यों बौन हुआ ? दुनिया में हिंसा का काटा देख कर बोया जिन्ना क्या ? की गांधी के ऊपर उसका भी बार बार हैं धौस हुआ , जब तक ना टूटे पाकिस्तान दुनिया में आतंक ना मिटेगा हिंसा का नया इबारत रोज़ पाकिस्तान ही लिखेगा हिंसा आतंक का सारा तांडव चलता रहेगा दुनिया में मिटा के देखों पाकिस्तान को कैसे शांति फैलेगा , पाकिस्तान को जो तोड़ेगा, ओ पैगम्बर कहलायेगा दुनियाँ से आतंक औ हिंसा जो भी शख्श मिटाएगा बनेगा ओ ही युग निर्माता इतिहास के सारे पन्नो पे उसकी सम्मान की खातिर में अम्बर भी शीश नवायेगा ।। ©बिमल तिवारी "आत्मबोध" देवरिया उत्तर प्रदेश #भारतबंटवारादिवस #पाकिस्तान