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मै उसे लिखूँ या उसमें खुद के जज़्बात लिखूँ? उसकी ब

मै उसे लिखूँ या उसमें खुद के जज़्बात लिखूँ?
उसकी बेपरवाही लिखूँ या उसमें खुद के ख़यालात लिखूँ?

तेज़ हवाओं सा दूर कहीं बहता चला जाता है वो, 
 उसकी सादगी लिखूँ या उसके अनकहे सवालात लिखूँ?

सावन के पहली बारिश की खूबसूरत फुहार सा है वो ,
उसके साथ की खुशी लिखूँ या उसे खोने का एहसास लिखूँ?

रोज़ सेहर की पहली किरन सा बेहद ख़ुशनुमा है वो , 
लिखूँ श्रेष्ठ को या उसके माँ-बाप के संस्कार लिखूँ?

जब करीब से जाना तो एक उलझी पहेली सा लगा वो,
अब उसकी मुस्कान लिखूँ या आँखों में ठहरे बरसात लिखूँ?

-Shubhra Tripathi:)

©Ibrat #dear shreshth

#SunSet
मै उसे लिखूँ या उसमें खुद के जज़्बात लिखूँ?
उसकी बेपरवाही लिखूँ या उसमें खुद के ख़यालात लिखूँ?

तेज़ हवाओं सा दूर कहीं बहता चला जाता है वो, 
 उसकी सादगी लिखूँ या उसके अनकहे सवालात लिखूँ?

सावन के पहली बारिश की खूबसूरत फुहार सा है वो ,
उसके साथ की खुशी लिखूँ या उसे खोने का एहसास लिखूँ?

रोज़ सेहर की पहली किरन सा बेहद ख़ुशनुमा है वो , 
लिखूँ श्रेष्ठ को या उसके माँ-बाप के संस्कार लिखूँ?

जब करीब से जाना तो एक उलझी पहेली सा लगा वो,
अब उसकी मुस्कान लिखूँ या आँखों में ठहरे बरसात लिखूँ?

-Shubhra Tripathi:)

©Ibrat #dear shreshth

#SunSet
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