बौद्ध , महावीर , अशोक की धरा पर , नालंदा , विक्रमशिला , राजगीर सा उपहार मिलेगा । गंगा , कोशी , कमला , सोन तट पर , भ्रमण को पूरा बिहार मिलेगा ।। कुंवर , राजेन्द्र , दिनकर की मिट्टी में, एक सभ्य व्यवहार मिलेगा । मधुर भाषा , वैदिक गाथा , गाते पूरा बिहार मिलेगा ।। खेतों में सोना , बागों में बिछौना , अन्न , पुष्प फलों का बौछार मिलेगा । पर्व त्योहारों में पकवान , मिष्ठान खाने को पूरा बिहार मिलेगा। पक्षियों का कलरव , चरवाहे सर्व , ललित गोधुली का बहार मिलेगा । पकड़ते मछुआरे , मछली सवेरे , डूबे - उफनते बाढ़ में बिहार मिलेगा। दर - दर भटकते , ठोकरें खाते , गरीब , युवा , बेरोजगार मिलेगा । अवसरों की आकांक्षा लिये , मुकाम पाने को पूरा बिहार मिलेगा। झुग्गी - झोपरियों में , शहर के गलियों में । भूखे , नशेड़ी , बिमार मिलेगा । चाह लिए जो आये मानवता की , जरुर उसे पूरा बिहार मिलेगा ।। --राजेंद्र कुमार मंडल रामविशनपुर , सुपौल, बिहार ©Rajendra Kumar Ratnesh बिहार