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मैं (अहम्) ********** मेरा "मैं" मुझे-तन्हा, बहुत

मैं (अहम्)
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मेरा "मैं" मुझे-तन्हा, बहुत परेशान करता है।
सब कुछ दिया उसका, बेवजह बिफरता है।
उस ही की लाठी,भैंस उस ही की जानता है,"मैं"
मगर फिर भी न जाने ये"मै"क्यों अकड़ता है।

सुधा भारद्वाज "निराकृति"
(सर्वाधिकार सुरक्षित)

©सुधा भारद्वाज"निराकृति"
  #मैं(#अहम्)