क्या हुई खता हमसे जो हमको छोड़ कर गैरों से रिश्ते जोड़ दिए। छीन कर खुशियां हमारी ज़िंदगी से। धालीवाल के दामन में कांटे छोड़ दिए। ©inder Dhaliwal क्या हुई खता हमसे।