किताबों का ढेर लगा कर सोचा हम भी नाम कमाएंगे, ना नाम मिला ना ज्ञान मिला बस झूठी आशा का विस्तार हुआ। ढ़ेर लगा कर हमको लगा सपनों का जहाज़ बनाएंगे, ना जहाज बना ना सपना मिला। Meenakshi Sharma किताबों का ढेर