मेहबूब सां इंकार क़बूल कोनी इंय प्यारा प्यार क़ुबूल कोनी शर्त रखी अंख्यूँ खोले इंय एतबार कबूल कोनी अंख डिसे पर दिल मिले न इंय दीदार कुबूल कोनी मुंझे साईं खे समझाओ सरस सिंगार क़बूल कोनी। sravankaga