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पहली नज़र में जब उसे देखा, न नाम पता, न कोई रेखा।

पहली नज़र में जब उसे देखा,
न नाम पता, न कोई रेखा।
वो अनजान था, मैं बेख़बर,
पर दिल मेरा हो गया बेक़रार।

फिर चुपके से उसकी तस्वीरें देखी,
हर हंसी, हर ख़्वाब में बसी वो एक झलक।
न जाने वो कौन, न जाने कहाँ,
मगर दिल ने चुनी वही राह अनजानी।

एक तरफ़ा था ये प्यार का सफर,
न उसे पता, न उसने कभी किया ज़िक्र।
मैं उसकी तस्वीरों में ढूँढती हूँ सुकून,
पर वो मेरी दुनिया से अब भी बहुत दूर।

©the_poetic_soul.09 #पहली नज़र का एहसास
पहली नज़र में जब उसे देखा,
न नाम पता, न कोई रेखा।
वो अनजान था, मैं बेख़बर,
पर दिल मेरा हो गया बेक़रार।

फिर चुपके से उसकी तस्वीरें देखी,
हर हंसी, हर ख़्वाब में बसी वो एक झलक।
न जाने वो कौन, न जाने कहाँ,
मगर दिल ने चुनी वही राह अनजानी।

एक तरफ़ा था ये प्यार का सफर,
न उसे पता, न उसने कभी किया ज़िक्र।
मैं उसकी तस्वीरों में ढूँढती हूँ सुकून,
पर वो मेरी दुनिया से अब भी बहुत दूर।

©the_poetic_soul.09 #पहली नज़र का एहसास