वो जो रात के अंधेरे में गुम है, वो जो मुझे सन्नाटे में बेहलाती है, किसी कि सुनती है, पर मुझसे कहती है रोती हुई आवाज़ें रोज़ किवाड़ो से झाँकती है ना शर्म ना हया ना कोई खोज पता अधेड़ सपनो को अपना घर कहा करती है वो लौटने को तैयार नहीं बस बिखर कर रहना चाहती है बस बिखर कर रहना चाहती है। - khush #Awaz #story #eveningquotes #story #Stories #nojoto #Shadow #window #k_thoughts #horror