कभी जो प्यार में तुमने गीत सुना दिया था, बेसुर राग है पर अभी तक गुनगुना रहा हूँ मैं। कल तक जो जवानी में अफसाने प्यार के लगते थे, अब तलक बुढ़ापे में यादों का बोझ ढो रहा हूँ मैं। कल की वो मंद मुस्कान तेरी अब राकेट का काम कर रही हैं, जर्जर शरीर है लेकिन मन से उड़ान भर रहा हूँ मैं। कभी प्रेम-दिवस पर भेंट किये थे चाकलेट जो तुमने, डाईबिटीज का शिकार हूँ पर अभी तक चुलबुला रहा हूँ मैं। #gif स्पेशल #चाकलेटी हास्य प्रेम से हास्य निकालने की कोशिश,, पूरा पढ़ियेगा 100% चैलेन्ज आप अपने को हँसने-मुस्कुराने से रोक नहीं पायेंगे............. कभी जो प्यार में तुमने गीत सुना दिया था, बेसुर राग है पर अभी तक गुनगुना रहा हूँ मैं। कल तक जो जवानी में अफसाने प्यार के लगते थे, अब तलक बुढ़ापे में यादों का बोझ ढो रहा हूँ मैं। कल की वो मंद मुस्कान तेरी अब राकेट का काम कर रही हैं,