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दीवारों पर टंगी खामोशी घुटन के थपेड़ों से हिलती डुल

दीवारों पर टंगी खामोशी
घुटन के थपेड़ों से हिलती डुलती रहती है
फिर एक दिन क्रूरता तेज हवा सी आती है।
सहनशक्ति की कीलें उखड़ जाती है।
तब विद्रोह पनपता है।
और तबतक शांत नही होता
जबतक अन्याय दम न तोड़ दे। #quotes #motivation #apni #batein  #
दीवारों पर टंगी खामोशी
घुटन के थपेड़ों से हिलती डुलती रहती है
फिर एक दिन क्रूरता तेज हवा सी आती है।
सहनशक्ति की कीलें उखड़ जाती है।
तब विद्रोह पनपता है।
और तबतक शांत नही होता
जबतक अन्याय दम न तोड़ दे। #quotes #motivation #apni #batein  #