।। उन पन्नो की खुशबू से तेरी महक आज भी आती है , जिनमे कभी तेरा नाम लिखा था, वो दिया आज भी है मेरे रोशनदान में जिसकी मध्धम रोशनी में तेरा नूर दिख था उन गलियो से हरगिज़ नही गुज़रेंगे जंहा तेरा ज़िक्र हो ऐसी कसम खायी थी पर वो बाजार आज भी घूम आते है जहाँ तेरा प्यार बिका था।। #एक_बात_कहे