औरत तुम उस किताब की तरह हो, जिसे हर समय साथ तो रखते हैं, पर पढ़ने का समय नहीं मिलता है, दो-चार पन्ने पलटकर ही, आदमी तुम्हें पढ़ने का दावा किया करता है। और तुम उस किताब की तरह हो, जिसमें सतरंगी कहानियां लिखी हैं, तुम्हारे कुछ अधूरे-कुछ पूरे से ख्वाबों, से भरी कहानियों को किसने पढ़ा है, यहाँ तो खाली बचे पन्नों पर, हर कोई अपने कलम से लिख रहा है, तुम्हें पूरा पढ़ने की किसे पड़ी है, आखिर हर समय तो तू साथ रखी है। #किताबकीतरह #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #drnehagoswami #नेह संदेश