जैसे सब खतम हुआ तब पता चला, कुछ बचा था ही नहीं । मेरी कही हुई सब बातें भूली गई तब पता चला , कुछ था ही नहीं । बाहें गर्माने के जब नये तरीके निकाले उन्होंने, तब पता चला कुछ था ही नहीं । गले से लगे और बिछड़े तो जब उन्हें फर्क पड़ा ही नहीं तब पता चला कुछ था ही नहीं । सुना था इश्क़ एक ढोंग है, वो ढोंग भी नहीं कर पाए तब पता चला कुछ था ही नहीं । नफरत एक तोहफा है मोहब्बत का वो भी तुम्हारे प्यार मे बखूबी मिल ना पाया तब पता चला कुछ था ही नहीं ।। ©Priya Tiwari Ashq #patanahinkyalikhnachahrahe #MainAurChaand