भय का आभाव , अनन्तःकरण की निर्मलता , तत्ज्ञान के लिए ध्यानयोग में स्थिति , दान , गुरुजन की पूजा , पठन पाठन , अपने धर्म के पालन के लिए कष्ट सहना ये दैवीय सम्प्रदा के लक्षण है । ©Gautam Bisht गौतम