Nojoto: Largest Storytelling Platform

बिलख रही थी वो आत्मा मिलने को अपनों से,बन गई फिर स

बिलख रही थी वो आत्मा मिलने को अपनों से,बन गई फिर सामाजिक दूरी,
न मिल सकते अपनो से फिर आपसी मेलजोल न बढ़ा सकते ऐसी हो गई मजबूरी,
अंतश्चेतना में आत्मसमरण हो गया अपनो का डर फिर से न करना प्रकृति शोषण,
निज मोह पर रखना नियंत्रण करना हमेशा प्रकृति प्रेमियों का अन्तः अन्वेषण।। 1प्रतियोगिता संख्या 8 का शीर्षक अन्वेषण है जिसका अर्थ खोज, ढूॅ॑ढना exploration investigation  innovation
2 मर्यादित शब्दों का प्रयोग करें
3 आपको आपकी रचना लिखने के बाद कमेंट में डन लिखना है
4समय सीमा सुबह 7:00 बजे से रात्रि 9:00 बजे तक रहेगी
5 प्रतियोगिता में विजेता को प्रथम द्वितीय तृतीय और सर्वश्रेष्ठ लेखक का टेस्टिमोनियल दिया जावेगा   #YourQuoteAndMine
Collaborating with Kavya Abhinandan
बिलख रही थी वो आत्मा मिलने को अपनों से,बन गई फिर सामाजिक दूरी,
न मिल सकते अपनो से फिर आपसी मेलजोल न बढ़ा सकते ऐसी हो गई मजबूरी,
अंतश्चेतना में आत्मसमरण हो गया अपनो का डर फिर से न करना प्रकृति शोषण,
निज मोह पर रखना नियंत्रण करना हमेशा प्रकृति प्रेमियों का अन्तः अन्वेषण।। 1प्रतियोगिता संख्या 8 का शीर्षक अन्वेषण है जिसका अर्थ खोज, ढूॅ॑ढना exploration investigation  innovation
2 मर्यादित शब्दों का प्रयोग करें
3 आपको आपकी रचना लिखने के बाद कमेंट में डन लिखना है
4समय सीमा सुबह 7:00 बजे से रात्रि 9:00 बजे तक रहेगी
5 प्रतियोगिता में विजेता को प्रथम द्वितीय तृतीय और सर्वश्रेष्ठ लेखक का टेस्टिमोनियल दिया जावेगा   #YourQuoteAndMine
Collaborating with Kavya Abhinandan