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मेरी सुबह का पहला ख्याल हो तुम,  कलम से जो लिखूं व

मेरी सुबह का पहला ख्याल हो तुम, 
कलम से जो लिखूं वो ख्वाब हो तुम, 
हर पल जिस के लिए सोचूं वो हो तुम,
जब आंख बंद करता हूं दिखती हो तुम, 
तुम को अंदाजा भी नहीं है कौन हो तुम,
मेरी नजर से देखूं तो एक अप्सरा हो तुम|

©शर्मा निखिल
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