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पीलू फूलों की घाटी में अनगिनत फूलों के बीच, इधर उ

 पीलू

फूलों की घाटी में अनगिनत फूलों के बीच, इधर उधर डोलती एक नन्ही सी तितली “पीलू” बैठी सोच रही थी कि हज़ारों रंग बिरंगे फूलों में अनगिनत रंग हैं और मेरे पास देखो, सिर्फ एक ही रंग है पीला ......जो कि मुझे बिलकुल पसंद नहीं हैI

तभी उसकी नज़र एक खूबसूरत बैंगनी फूल पर पड़ी और उसने बड़े ही प्यार से उसकी ओर ताकते हुए सोचा कि काश मेरे भी बैंगनी पंख होते तो कितना अच्छा होताI वो खुद को रोक ना सकी और जाकर बैंगनी फूल पर बैठ गईI  तभी उसकी नज़र एक सुर्ख नारंगी तितली पर पड़ी, जिसके पंखों में काले रंग के चमकदार मोती जैसे गोले बने हुए थेI पीलू ने अपने पीले पंखों को देखा और दुखी होकर जोर-जोर से रोने लगीI उसने सोचा कि मैं ही अकेले बदसूरत हूँ बाकी सबके रंग कितने सुन्दर हैंIतभी एक नीलकंठ वहाँ से उड़ते हुए गुजराI उसकी गर्दन पर सुन्दर सी नीली धारी देखकर तो देखकर रो पीलू के सब्र का बांध टूट गया और वह जोर-जोर से रोने लगीI

नीलकंठ के पूछने पर पीलू ने उसे अपने रोने का कारण बता दिया।
 पीलू

फूलों की घाटी में अनगिनत फूलों के बीच, इधर उधर डोलती एक नन्ही सी तितली “पीलू” बैठी सोच रही थी कि हज़ारों रंग बिरंगे फूलों में अनगिनत रंग हैं और मेरे पास देखो, सिर्फ एक ही रंग है पीला ......जो कि मुझे बिलकुल पसंद नहीं हैI

तभी उसकी नज़र एक खूबसूरत बैंगनी फूल पर पड़ी और उसने बड़े ही प्यार से उसकी ओर ताकते हुए सोचा कि काश मेरे भी बैंगनी पंख होते तो कितना अच्छा होताI वो खुद को रोक ना सकी और जाकर बैंगनी फूल पर बैठ गईI  तभी उसकी नज़र एक सुर्ख नारंगी तितली पर पड़ी, जिसके पंखों में काले रंग के चमकदार मोती जैसे गोले बने हुए थेI पीलू ने अपने पीले पंखों को देखा और दुखी होकर जोर-जोर से रोने लगीI उसने सोचा कि मैं ही अकेले बदसूरत हूँ बाकी सबके रंग कितने सुन्दर हैंIतभी एक नीलकंठ वहाँ से उड़ते हुए गुजराI उसकी गर्दन पर सुन्दर सी नीली धारी देखकर तो देखकर रो पीलू के सब्र का बांध टूट गया और वह जोर-जोर से रोने लगीI

नीलकंठ के पूछने पर पीलू ने उसे अपने रोने का कारण बता दिया।