White रूह बेचैन और .........इश्क है बेपनाह । बिना बाती मेरे ही कब्र पर जलता दीया हूं मैं । जो मुमकिन है नही ........ उसी ख्वाइश का गुनाह , न जाने कौन सी फिसलन की राह चल दिया हूं मैं।। ©Ravi Ranjan Kumar Kausik फिसलन KK क्षत्राणी