एक गीत समीक्षार्थ हेतु...🙏🙏🙏🙏 अब ना जायें हरिजन कोई उस मन्दिर के कोन किनारें पंडित जी फरमान सुनायें धोती बाधँ कर द्वारे -द्वारे.. रमुआ काका ने बोला हमने मन्दिर के चौखट बाँधे हरखू ने राममूर्ति को रात -रात तक कई बार तराशे बिदियाँ काका बोली हमने मैया की लाली कजरा की हमरे बेटा ने ही रामलल्ला को बासन के झूला डालें अब ना जायें हरिजन कोई उस कूऐं से पानी लाने पंडित जी फरमान सुनायें धोती बाधँ कर द्वारे -द्वारे.. काँपत करीम चचा ने बोला हमने भर मुहँ माटी खाया हम जानत है उस कूऐं मे पानी कैसे- कैसे आया जब एक लोटा ही पानी माँगत झीनिया बेहोश हुई बोले सब जानत है इन गाँवन तक सावन कैसे आया अब ना जायें हरिजन कोई खेतों मे कुदाल चलाने पंडित जी फरमान सुनायें धोती बाधँ कर द्वारे -द्वारे.. -शेखर #nojoto#harijan##shekharpoetry