(ऐतबार) अपने ही ग़म हवास पे रोया नहीं हूँ मैं, यानी की ज़ब्त अपना अभी खोया नहीं हूँ मैं! तन्हाइयां तो आकार मुझे लोरी सुना गई, उनको भी ये खबर है कि सोया नहीं हूँ मैं! ये इब्तिदाए इश्क़ है अब सोच लो जनाब, वो भी रो रहें जो कह्ते थे कि रोया नहीं हूँ मैं! "परवेज़" वो तो कह गए आऊंगा लौट कर, और देखो के ऐतबार अपना खोया नहीं हूँ मैं ! ©Written By PammiG #PhisaltaSamay #matlabiLog #ilovemypast😢💔 #viralnojotovideo