मैंने बंद कर दिया है मेरे घर और दिल का दरवाज़ा तुम वापस आना मत । मैंने महफूज़ रख लिया है अपने एहसासों को तुम कोई फरियाद लेकर मेरे इन एहसासों को वापस मचलाना मत । हां खुस रहने लगा हूं तेरे बगैर अब ,मुझे किसी और की बाहों में देख तुम आंसू बहाना मत । बहोत जला हूं तेरे इश्क़ की आग में ,तुम वापस दरिया बनके मेरे जख्मों पर मरहम लगाना मत । मैंने बहोत चोट खाई है तुझसे दिल लगाकर,तुम वापस मुझसे दिल लगाना मत । मैंने ख़तम कर लिये है मेरे सारे आंसू तेरी याद में बहाकर, अब इन सुख चुकी पलकों पर अश्को की बरसात कराना मत। अब तो बस डर सा लगने लगा है ये प्यार मोहब्बत इश्क़ जैसे बेकार की बातो से, वापस तुम इस डर को खत्म कराना मत । अब तो नफरत है तुझसे और इस ज़िन्दगी से तुम वापस आकर इस नफरत को मोहब्बत में बदलना मत । जैसे तेरी ये नशीली आंखे मुझे बिन पीये बेहकाती थी ,और यूं किसी और को अपना दीवाना बनाना मत । अब तो नफरतों का दौर जारी है तुझसे,वापस इस दिल को प्यार का एहसास कराना मत । अब मै भूल चुका हूं तुझे तुम बस वापस आना मत । "tum wapas aana mat"