#OpenPoetry अब मुझे ख्वाईश नही धनवान होने की, एक बेटी का बाप हो कर मैं भी धनी हो गया ।। मेरे दोनो अनमोल रत्न आप सब के आशिष की कामना है, #ओउम ,आव्या मेरे दो रत्न