लाल रंग चटकदार सूट में सांझ की हल्की किरण, तेरे मुखड़े को चूमती हुई लाली, जिसके आगे चांद की चमक भी फीकी हो जाए। उसकी खुबसूरत होने की ऐंठन, पल में चकनाचूर हो जाए।। उसे अगर इजाज़त हो धूप में आ निकलने की तब वो तुम्हे, बस तुम्हे,सिर्फ और सिर्फ तुम्हें ही देखता ही रह जाए।। के वो तुम्हारा मुस्कुराते हुए गालों का उभरना, उफ्फ,, दिल से दुआ निकलती है इन्हें किसी की नजर न लग जाए। उस पर मेरी नादान हरकतों से बस एक बार तेरा खिलखिला कर हंसना, खुदा कसम उस पर कुर्बान सौ जान भी कम पड़ जाए।। यूं जब तुम्हें कोई बात समझ न आए और तुम समझने की कोशिश करो अपनी भौहें उठाए, तुम्हारी इस उलझन से पूरी दुनिया परेशान हो और तुम्हें देखने वालों की सांसे थम जाए। जरा ध्यान से सुनिए जज साहब इन्हें भी एक गुनाह समझा जाए।। जब दुपट्टा तुम्हारे सर से सरक कर नीचे आ जाए, उस पर तुम्हारा बार बार दुपट्टे को संभालना यूंही नहीं तुम्हे पाने वाला इतना इतराए।। शहंशाह शुभम् ©Shubham Sony #eveninigintrain #asansol's GirL #river pooja negi# Suman Zaniyan