Bas.... बस और हमदर्दी कोई दिखाये न अब मुझे... धोका खाने की बाकी अब ताकत नही मुझे ।। आंखो में अब तक चुभते हैं टूटे काँच के टुकड़े.. अब और न झूठे खवाब दिखाये कोई मुझे ।। जिस्म से रूह तक पहुँचाता है अज़ीयत... उसका नाम ले कर कोई सताये न अब मुझे।। प्यार मोहब्बत इश्क़ वफ़ा फ़रेब के सिवा कुछ नही.. प्यार का अब और सबक सिखाये न कोई मुझे ।। इस मतलबी दुनिया से नहीं मुझे कोई गरज़.. अवाज़ दे कर वापस कोई बुलाये न अब मुझे ।। न पाया मैंने सुकूं एक पल भी जीते जी.. मेरी कब्र पे आकर कोई जगाये न अब मुझे ।। Bas...bas or hamdardi na dikhaye koi mujhe... Dhoka khane ki ab baki takat ni mujhe Ankho me ab tk chubte hain toorte kamch ke tukde Ab Aur na jhoote khawab dikhaye koi mujhe Kaano se le kr dil tak aziyat dete hain.. Uska naam le kr ab koi sataye na mujhe.. Pyar mohabbat ishq wafaa sb fareb hai pyar ka ab koibsabak sikhaye na mujhe