Nojoto: Largest Storytelling Platform

C-2020 ये Covid नहीं आसान!! Read in caption👇 पहले

C-2020
ये Covid नहीं आसान!!
Read in caption👇 पहले तो एक सोची समझी साजि़श के तहत अपने ही राष्ट्र में एक भयावह विषाणु को जन्म देना, और कुछ ही समय में इसे वैश्विक महामारी के रूप मे बदल देना, और सही समय पर इस महामारी पर काबू पा लेना..... उद्देश्य एक ही है ड्रैगन का- कि संपूर्ण विश्व पर अपना वर्चस्व स्थापित करना। ये रणनीति चीन के कितनी काम आएगी, ये तो इस तर्क पर निर्भर करता है कि भारत सहित संपूर्ण विश्व इस महामारी से कब तक और किस तरह निजात पाएगी। 
मार्च के अंत तक आते-आते जिस तरह lockdown की प्रक्रिया शुरू हुई, उसके परिणाम का सीधा असर देश की अर्थव्यवस्था पर देखी गई। आर्थिक सर्वेक्षण के तहत् देश की GDP( सकल घरेलू उत्पाद) में काफी अधिक गिरावट आई। भले ही lockdown का प्रभाव कुछ हद तक स्वास्थ्य के लिए बेहतर रहा हो, पर मानसिक रूप से लोग अवसाद से घिर गए। इस अवसाद के पीछे का सबसे बड़ा कारण आर्थिक मंदी है। इस आर्थिक मंदी से न केवल जनता, बल्कि शासन भी ग्रस्त हो चुका है। जनता को आर्थिक आवश्यकताओं की पूर्ति करवाना,
अस्पतालों में प्रति व्यक्ति कोरोना इलाज, जल्द-से-जल्द ट्रायल्स पूरी कर दवाओं की उपलब्धता और देश के विकास को पुनः पटरी पर लाने का प्रयास जारी है। शिक्षण संस्थाओं को खोलने में विचार-विमर्श अब तक चल रही है।वर्तमान स्थितियां किसी आपातकालीन स्थिति से कम नहीं।इस बीच देश की अर्थव्यवस्था में सुधार लाने के लिए भारत को चीन और अमेरिका जैसे विकसित देशों के साथ मैत्री संबंध में बढावा देना और वैश्विक संबंध का मजबुत ढाचा निर्मित करने की आवश्यकता अनिवार्य थी। पर चीन की बनाई नयी रणनीति इस बात का सबूत है कि उसके लिए मानवीय संवेदनाओं और जनता के प्रति शुभचिंता से कहीं अधिक संपूर्ण विश्व पर अपना राजस्व फैलाने की कुटनीति मायने रखती है।  Rooh_Lost_Soul Ruchika Virat Kaushik हिमांशु जगदीश शर्मा ,
C-2020
ये Covid नहीं आसान!!
Read in caption👇 पहले तो एक सोची समझी साजि़श के तहत अपने ही राष्ट्र में एक भयावह विषाणु को जन्म देना, और कुछ ही समय में इसे वैश्विक महामारी के रूप मे बदल देना, और सही समय पर इस महामारी पर काबू पा लेना..... उद्देश्य एक ही है ड्रैगन का- कि संपूर्ण विश्व पर अपना वर्चस्व स्थापित करना। ये रणनीति चीन के कितनी काम आएगी, ये तो इस तर्क पर निर्भर करता है कि भारत सहित संपूर्ण विश्व इस महामारी से कब तक और किस तरह निजात पाएगी। 
मार्च के अंत तक आते-आते जिस तरह lockdown की प्रक्रिया शुरू हुई, उसके परिणाम का सीधा असर देश की अर्थव्यवस्था पर देखी गई। आर्थिक सर्वेक्षण के तहत् देश की GDP( सकल घरेलू उत्पाद) में काफी अधिक गिरावट आई। भले ही lockdown का प्रभाव कुछ हद तक स्वास्थ्य के लिए बेहतर रहा हो, पर मानसिक रूप से लोग अवसाद से घिर गए। इस अवसाद के पीछे का सबसे बड़ा कारण आर्थिक मंदी है। इस आर्थिक मंदी से न केवल जनता, बल्कि शासन भी ग्रस्त हो चुका है। जनता को आर्थिक आवश्यकताओं की पूर्ति करवाना,
अस्पतालों में प्रति व्यक्ति कोरोना इलाज, जल्द-से-जल्द ट्रायल्स पूरी कर दवाओं की उपलब्धता और देश के विकास को पुनः पटरी पर लाने का प्रयास जारी है। शिक्षण संस्थाओं को खोलने में विचार-विमर्श अब तक चल रही है।वर्तमान स्थितियां किसी आपातकालीन स्थिति से कम नहीं।इस बीच देश की अर्थव्यवस्था में सुधार लाने के लिए भारत को चीन और अमेरिका जैसे विकसित देशों के साथ मैत्री संबंध में बढावा देना और वैश्विक संबंध का मजबुत ढाचा निर्मित करने की आवश्यकता अनिवार्य थी। पर चीन की बनाई नयी रणनीति इस बात का सबूत है कि उसके लिए मानवीय संवेदनाओं और जनता के प्रति शुभचिंता से कहीं अधिक संपूर्ण विश्व पर अपना राजस्व फैलाने की कुटनीति मायने रखती है।  Rooh_Lost_Soul Ruchika Virat Kaushik हिमांशु जगदीश शर्मा ,
mampisen3925

Shilpi

Bronze Star
New Creator