खुष्क आंखों में मरे हुए ख्वाब रक्खे है मन से हो चुके मुर्दा तन आबाद रक्खे है जाने किस कश्मकश में जी रहे है दोनों ख़त्म है पर ,तअल्लुक संभाल रक्खे हैं #agyani#shayri#kavita#