तुम मिलते। नहीं दर्द बढ़ता । जाता है प्रिये। तारों में तुम्हे। देखा रात भर क्या। करें सनम। शायरः-शैलेन्द्र सिंह यादव #NojotoQuote शैलेन्द्र सिंह यादव की कविता तुम मिलते नहीं।