दिल लगाने को राज़ी ना थे हम उनसे।। उन्होंने पलके क्या झुकाई और हम गुनाह कर बैठे।। कभी मंन्नते ना की दिल्लगी के वास्ते खुदा से हमने आज उसे पाने को लेकर उस खुदा से दुआ कर बैठे।। जिनके करीब आते ही धड़कनें भी थी बेखबर कभी।। यार इतफाक ये देखो हम उन्हीं से ही दिल लगा बैठे।। नशा शराब का था या शराब के नशे में हम क्या पता.? वो महफ़िल में गुलाब से थे और हम दिलदार बन बैठे।। @..... DilldaaR 🖤 Abhay 💓❣✍ ©dilldaar abhay #pyaar Suman Zaniyan