न जाने कितना सफर तेरा अभी बाकी है, न जाने किस हद तक अश्कों का बहना बाकी हैं। लेकिन, भर ले उड़ान तू अपने लफ़्ज़ों की, क्योंकि न जाने कितने लोगों को, तेरे अल्फ़ाज़ से रूबरू होना अभी बाकी हैं। #yqdidi#अश्क#उड़ान#अल्फ़ाज़ों