ज्ञानवापी नायक शेष नीचे कैप्शन में... हर हर महादेव "मुझे तो मरना है पर आपका तप बड़ा है, आपको सदियों तक इंतजार करना है" काशी में मंदिर के बाहर बैठे नंदी के कान में ये वाक्य बोल कर उस पंडित ने शिवलिंग के साथ कुएं में छलांग लगा दी! औरंगजेब की सेना ने काशी विश्वनाथ मंदिर को तोड़ने के लिए पूरे क्षेत्र को घेर लिया था पूरे काशी में मुग़ल सैनिकों के हाथों में तलवारें और मंदिर को छोड़कर भागते लोगों की चीखें ही दिखाई और सुनाई दे रहीं थी ! तब एक पुजारी ने हिम्मत दिखाई और महादेव के स्वयंभू ज्योतिर्लिंग को बचाने के लिए शिवलिंग के साथ ही ज्ञानवापी कुएं में कूद गए ! , ये तस्वीर उसी नंदी की है जो सालों तक अपने महादेव की ओर मुंह करके मंदिर के पुनरुत्थान की प्रतीक्षा कर रहा है !