वो मेहफ़िल भी बड़ी हसीन थी,समा भी बेहद कमाल था पर हम कैसे करते पसंद ये सब ,जब हमारी पसंद ,लोगो के लिए एक सवाल था वो जो भरे पैमाने को थामने के बाद भी तेरे हाथ मेरे हाथों को थामने कि गुजारिश करते थे जिसके कारण में हम हर मेहफ़िल में तेरे संग मौजूद होने के ख्याल से भी हम डरा करते थे शायद इसलिए अब हर मेहफ़िल में हमारा बुरा हाल रहता है मानो वहां मौजूद हर इंसान मुझसे तेरा ही जिक्र करता है... #terajikr