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इतना दूर रहकर बस टुकडों-टुकडों में उनसे बात होती ह

इतना दूर रहकर बस टुकडों-टुकडों में उनसे बात होती है

बस इन ख्यालों में ही उनसे अब ये मुलाकात होती है

नींद हमें प्यारी नहीं है, ऐसा मत समझ लेना ऐ गालिब

पर जब उनके यहां दिन होता है हमारे यहां तब रात होती है #nojoto #longdistance
इतना दूर रहकर बस टुकडों-टुकडों में उनसे बात होती है

बस इन ख्यालों में ही उनसे अब ये मुलाकात होती है

नींद हमें प्यारी नहीं है, ऐसा मत समझ लेना ऐ गालिब

पर जब उनके यहां दिन होता है हमारे यहां तब रात होती है #nojoto #longdistance
ravigupta0006

Ravi Gupta

New Creator