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मेरे इश्वर , तुने स्त्री की रचना क्या खूब की , ह्

मेरे इश्वर ,
 तुने स्त्री की रचना क्या खूब की ,
ह्रदय कोमल ,मन निर्मल ,बुद्धि से सहयोगी
ऐसी एक रचना ,है जो मम्तत्व की मुर्ति
आंचल से जो ढांक ले, गम के बरसात में
माँ कहो या बहन , बुआ हो या मौसी
पर गर जो रिश्ते से ना हुई वो अपनी 
तेरे संसार में अब नहीं उसकी इज़्जत बची
कहते हैं बिटीया को अमानत घर की
और करते हैं मनमानी अपनी
बहु बेटी को लक्ष्मी बता कर (देवी नहीं मनते)
कैद कर लेते हैं बना कर धन तिज़ोरी की
देवी तो दूर ,अब मनुष्य समझना पड़ गया भारी
अब तभी रचना प्रभु, एक स्त्री
जब औरों की नहीं ,
खुद की अमानत हो एक स्त्री

©Aakriti Rai 
  happy Mahashivratri. 
Woman's Day special #womansDay #Nojoto #nojotohindi #nojotohindipoetry@  Sudha Tripathi Krishnadasi Sanatani Kalpna Tyagi सुधा भारद्वाज"निराकृति" Pooja Udeshi
aakritirai3477

Aakriti Rai

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happy Mahashivratri. Woman's Day special #womansDay Nojoto #nojotohindi #nojotohindipoetry@ Sudha Tripathi Krishnadasi Sanatani @Kalpna Tyagi @सुधा भारद्वाज"निराकृति" @Pooja Udeshi #कविता

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