#बृद्धाश्रम_की_व्यथा कथा, होती बड़ी अज़ीब है, जहां हर चेहरा सपाट दीखता, आंखे बिलकुल उदास है, दर्द न दीखता अपनापन का, जीवन की नही चाहत दिखती, आँखों में सूनापन दीखता, मृत्यु की बस चाहत दिखती, हर आँखों में सवाल दीखता, अपने इतने निष्ठुर क्यों है, बेटा समझ के जिसको पाला, वो ही हमको दूर किया है, उम्मीदों का टूटना, हर चेहरे पर दीखता है, भाव नही किसी चेहरे पर, भाव विहीन दीखता है.! #अजय57 वृद्धाश्रम..