जीवन 😊अनुशीर्षक में पढ़े😊 :- काफी पहले लिखा था उसे repost कर रहा हूं 20 से 30 का जो शुरूआती स्ट्रगल होता है, वो समाज में acceptability बनाने वाला ज्यादा होता है। ऐसा क्या कर दूँ कि रिश्तेदार/पड़ोसीयों में धाक जम जाए। फ्रेंड सर्किल में साबित कर दूँ कि ग्रेड या स्टार्टिंग पैकेज से कोई फर्क नहीं पड़ता। बढ़िया कपड़े पहनूँ.. बढ़िया जगहों पे बैठ लंच/डिनर करूँ.. और हर महीने एक नए लुक और एक नए बैकग्राउंड के साथ बढ़िया सी सेल्फी अपडेट हो..ताकि अमेरिका/यूरोप में सेटल बैचमेट देख पाएं कि इधर भी मौज कम नहीं है। 27-28 पहुँचते पहुँचते उत्साह थोड़ा कम होता है और वास्तविक जीवन सामने आने लगता है। अक्सर रातों को साँसे वैसे ही थमने लगती हैं जैसे पहली बार रात के वक़्त कोलाहल करती नदी के पानी की आवाज सुनके थमती हैं। लड़कपन बाकी है तो वास्तविकता को टालने के लिए जो हो सकता है तुम वो सब करते हो। दिखावा शुरू करते हो कि तुम mature हो गए हो। काली/ग्रे टी शर्ट की जगह चेक की शर्ट पहनने लगते हो। थोड़ी सी दाढ़ी रखने लगते हो। तुमको लगता है कि सीरियस चेहरा बना लोगे तो वास्तविक समस्याओं से लड़ने लायक हिम्मत ला पाओगे।