भक्ति का चखा स्वाद जिसने, राधे-राधे समा गया उसमें.. सुनुं जब मुरली की धुन तेरी, थिरक ही उठती पायल मेरी... न मीरा ,न राधा न रूक्मण ठहरी संग तेरे बतयाऊं, प्रीत बड़ी गहरी... #कृष्णप्रेम हरि सुंदर नंद मुकुंद, हरि नारायण हरि ओम … 2 हरि केशव हरि गोविंदा, हरि नारायण हरि ओम … 2 #कृष्णार्पण #योरकोटभक्ति