Nojoto: Largest Storytelling Platform

कजरी ( लोक गीत) हमके जयपुर से चुनरी मंगवा द पिय

 कजरी ( लोक गीत) 

हमके जयपुर से चुनरी मंगवा द पिया, 
गोटा जड़वा द पिया ना, 
धानी- धानी चुनरी पर गोटा चमकिह,
धानी हरी चूड़ी हाथे में खनकिह,
हमके सावन क मेला घुमा द पिया
गोटा जड़वा द पिया ना |

हमके जयपुर से चुनरी मंगवा द पिया, 
गोटा जड़वा द पिया ना, 
चुनरी पहिन हम देवघर जइबो, 
हमके भोले क.. हमके भोले क दर्शन करवा पिया 
जल  चढ़वा द पिया ना
देवघर घुमा द पिया ना, 

धानी मोरी चुनरी, हरी मोरी चूड़ी
चुनरी पहिन हम झूलबे झूलनवां, 
हमके सावन क झूला झूला द पिया 
गोटा जड़वा द पिया ना||

©कमलेश मिश्र
  कजरी.....

कजरी..... #कविता

27 Views